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झारखंड में राजनीतिक घटनाक्रम ने नया मोड़ ले लिया है। मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने बुधवार देर शाम राजभवन पहुंचकर अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया। इसके बाद, पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सरकार बनाने का दावा पेश किया। यह संकेत है कि हेमंत सोरेन एक बार फिर झारखंड के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं।राजनीतिक घटनाक्रम और हेमंत सोरेन की वापसी झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के नेतृत्व वाले गठबंधन के विधायकों ने सर्वसम्मति से हेमंत सोरेन को अपना नेता चुना है। पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन तीसरी बार झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में वापसी करने के लिए तैयार हैं। पार्टी के एक सूत्र ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि इस निर्णय के पीछे गठबंधन के नेताओं और विधायकों की रांची में हुई बैठक है, जिसमें सर्वसम्मति से यह फैसला लिया गया।चंपई सोरेन का बयानराज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपने के बाद चंपई सोरेन ने कहा, “कुछ दिन पहले मुझे मुख्यमंत्री बनाया गया था और मुझे राज्य की जिम्मेदारी मिली थी। हेमंत सोरेन के वापस आने के बाद, हमारे गठबंधन ने यह निर्णय लिया और हमने हेमंत सोरेन को अपना नेता चुना। अब, मैंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है।”हेमंत सोरेन की कानूनी समस्याएंहेमंत सोरेन को लगभग पांच महीने बाद 28 जून को जेल से रिहा कर दिया गया था। हाई कोर्ट ने कथित भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उन्हें जमानत दी थी। 31 जनवरी को गिरफ्तारी से पहले उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था। हेमंत सोरेन पर 31 करोड़ रुपए से अधिक की 8.86 एकड़ जमीन अवैध रूप से हासिल करने का आरोप है। इस्तीफा देने के तुरंत बाद, ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था।राजनीति में यह एक महत्वपूर्ण बदलाव है। हेमंत सोरेन की वापसी से राज्य की राजनीति में नई ऊर्जा का संचार हो सकता है। चंपई सोरेन के इस्तीफे और हेमंत सोरेन की वापसी से राज्य की जनता में भी उम्मीदें जगी हैं कि राज्य का विकास तेजी से होगा और प्रशासनिक सुधारों को प्राथमिकता दी जाएगी।

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