उत्तर प्रदेश के सिरोलीकला में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने मानवता को शर्मसार कर दिया है। वार्ड 18 सिरोलीकला थाना पुलभट्टा निवासी मोहम्मद आसिफ के साथ हुए इस अमानवीय हमले ने पूरे क्षेत्र को हिला कर रख दिया है। यह घटना शुक्रवार शाम को तब हुई जब मोहम्मद आसिफ अपनी बीमार बेटी के लिए दवा लेकर घर लौट रहे थे।
मोहम्मद आसिफ की बेटी की तबीयत खराब होने के कारण वे अंसारी मेडिकल से दवा लेकर लौट रहे थे। करीब सात बजे, जब वे पैदल घर की ओर बढ़ रहे थे, तभी अचानक बाइक सवार मुन्ना, सोहेल (पुत्र यासीन कुरैशी), गुड्डू (पुत्र कल्लू) और कुछ अन्य लोग उनके पीछे से आए और उन पर जानलेवा हमला कर दिया। आरोपितों ने आसिफ का गला दबाने की कोशिश की और जब उनकी गोद में बैठी बच्ची ने चिल्लाना शुरू किया तो उन दरिंदों ने बच्ची को छीनकर दूर फेंक दिया।
फेंके जाने से बच्ची गंभीर रूप से चोटिल हो गई। मासूम बच्ची की चीखें आसिफ के कानों में गूंज रही थीं, लेकिन वे खुद भी आरोपितों के क्रूर हमले से बचने के लिए संघर्ष कर रहे थे। आरोपितों ने आसिफ को लात-घूंसों से बुरी तरह पीटा, उनके कपड़े फाड़ दिए और उन्हें घायल कर दिया। किसी तरह भाग कर आसिफ ने अपनी जान बचाई और अपनी बेटी को लेकर अस्पताल पहुंचे।
इस घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस हरकत में आई। मोहम्मद आसिफ की तहरीर पर आरोपित मुन्ना, सोहेल और गुड्डू के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी भी की जा रही है। पुलिस का कहना है कि वे जल्द ही आरोपितों को गिरफ्तार कर कानूनी कार्रवाई करेंगे।
इस घटना ने पूरे समाज को झकझोर कर रख दिया है। स्थानीय लोगों में आक्रोश व्याप्त है और वे आरोपितों को सख्त से सख्त सजा दिलाने की मांग कर रहे हैं। आसिफ की बच्ची की हालत नाजुक बनी हुई है और उसका इलाज चल रहा है। स्थानीय समाजसेवियों ने भी इस घटना की कड़ी निंदा की है और पीड़ित परिवार को हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया है।
सिरोलीकला की इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि समाज में कुछ ऐसे तत्व मौजूद हैं जो मानवता की सभी हदों को पार कर जाते हैं। यह घटना केवल एक परिवार की नहीं, बल्कि पूरे समाज की त्रासदी है। हमें मिलकर ऐसे अपराधों के खिलाफ आवाज उठानी होगी और सुनिश्चित करना होगा कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके। पुलिस की त्वरित कार्रवाई सराहनीय है, लेकिन समाज को भी सजग और संवेदनशील होने की आवश्यकता है ताकि हम एक सुरक्षित और समृद्ध समाज का निर्माण कर सकें।