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ऋषि दत्तात्रेय के चोरासी सिद्धों में से एक लक्ष्मण सिद्ध मंदिर, जानें इसकी खासियत : Laxman siddh Temple


ऋषि दत्तात्रेय के चोरासी सिद्धों में से एक लक्ष्मण सिद्ध मंदिर, जानें इसकी खासियत : Laxman siddh Temple

तोहिश भट्ट , दून प्राइम न्यूज़

Laxman siddh Temple – An ANCIENT Temple in Dehradun !! देवभूमि उत्तराखंड की राजधानी देहरादून जिले में स्थित प्राचीन एवं लोकप्रिय धार्मिक स्थल।

देहरादून। लक्ष्मण सिद्ध मंदिर (Laxman siddh Temple) देहरादून में स्थित एक प्राचीन एवं लोकप्रिय मंदिर है। यह सिद्धपीठ मंदिर देहरादून से मात्र 13 किलोमीटर की दूरी पर प्रकृतिक सौंदर्य व घने जंगलों के बीच स्थित है। यह मंदिर अपने धार्मिक महत्व के लिए और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए देश नहीं विदेशों में भी मशहूर है।

ऋषि दत्तात्रेय के चोरासी सिद्धों में से एक लक्ष्मण सिद्ध मंदिर, जानें इसकी खासियत : Laxman siddh Temple

मंदिर के महंत भारत भूषण भारती ने बताया कि लक्ष्मण सिद्ध मंदिर ( Laxman siddh Temple) सिद्धपीठ ऋषि पीठ ऋषि दत्तात्रेय के चोरासी सिद्धों में से एक है। यह देहरादून में अवस्थित चार सिद्धपीठों में से यह सिद्धपीठ सर्वक्षेष्ठ है, एवम् लोकमान्यता के अनुसार यह मंदिर राजा दशरथ के पुत्र “लक्ष्मण व राम “ के द्वारा रावण का वध करने के पश्चात ब्रह्महत्या के दोष से मुक्ति पाने के लिए भगवान लक्ष्मण ने इसी स्थान पर तपस्या की थी। इसलिए इस मंदिर का नाम “लक्ष्मण सिद्धपीठ मंदिर” रखा गया |

क्या है लक्ष्मण सिद्ध (Laxman siddh Temple) की मान्यता

पौराणिक कथा के अनुसार संत -स्वामी लक्ष्मण सिद्ध ने इस स्थान पर तपस्या की थी और यही पर संत ने समाधि ली थी।इस सिध्पीठ से 400 मीटर की दूरी पर एक कुआ भी स्थापित है| स्कूल के बारे में यह माना जाता है कि कोई का पानी प्राचीन काल में दूध के रूप में निकलता था। भगवान लक्ष्मण ने अपनी तीर से कुएं का पानी निकाला था। क्योंकि उस समय इस कुएं में पानी नहीं था|इस सिद्ध पीठ (Laxman siddh Temple) में शिवलिंग की स्थापना की गई है और श्रद्धालु शिवलिंग की उपासना करते हैं | प्राचीन काल से इस मंदिर में एक अखंड धुनि है जो कि प्राचीन काल या त्रेता युग से इस मंदिर में स्थापित है|

ऋषि दत्तात्रेय के चोरासी सिद्धों में से एक लक्ष्मण सिद्ध मंदिर, जानें इसकी खासियत : Laxman siddh Temple

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इस अखंड धुनें में लकड़ी वगरह तो डालते हैं ,लेकिन इस धूनी में मुह से फुंख नहीं मारते हैं | इस धूनी की राख को प्रसाद स्वरूप सभी श्रद्धालुगण को बांटा जाता है | जिस कारण श्रद्धालुओं व पर्यटकों का आकर्षण इस क्षेत्र में बढ़ रहा है | इस मंदिर (Laxman siddh Temple) पर गुड , घी , दही आदि भेंट के रूप में चढ़ाया जाता है, क्योंकि पुराने समय में गुड एवं अन्य सामग्री मिठाई होती थी इसलिए प्राचीन काल से गुड़ का प्रसाद इस मंदिर में चढ़ाया जाता है | वर्तमान में भी गुड का प्रसाद आशीर्वाद के रूप में भक्तो को दिया जाता है |

लक्ष्मण सिद्ध मंदिर में जो कोई भी श्रद्धालु या भक्त सच्चे मन से बाबा मंदिर के चरणों के समीप बैठ कर मनोकामना करता है , श्रद्धा और विश्वास के द्वारा वह मनोकामना पूर्ण हो जाती है | लक्ष्मण सिद्ध मन्दिर में प्रत्येक रविवार को बड़ी संख्या में भक्त मंदिर में आते है । रविवार को भंडारे का और एक छोटे मेले का आयोजन होता है। जो भी भक्त यहां सच्चे मन से अपनी मनोकामना मानता उसकी मनोकामना जरुर पूर्ण होती हैं। अगर आप भी देहरादून आए तो इस सिद्ध के दर्शन जरूर करें।

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