Doon Prime News
National

चाइनीज मांझे के कारण हर साल हो रहे हैं कई हादसे,जानिए क्यों है इस पर रोक लगाना जरूरी

चाइनीज मांझे के कारण हर साल हो रहे हैं कई हादसे,जानिए क्यों है इस पर रोक लगाना जरूरी

आपने बचपन में पतंगे तो बहुत उड़ाई होंगी, लेकिन क्या कभी मांझे से घायल हुए है? ऐसे ही कई लोग चाइनीज मांझे के चपेट में आकर घायल हो जाते हैं। भारत में ऐसी कई घटनाएं सामने आ रही हैं। आपको बता दें कि पिछले दिनों दिल्ली में बाइक सवार एक युवक की गर्दन और अंगूठा कट गया। ऐसे ही बीते दिनों उदयपुर में भी दर्दनाक घटना में एक पिता बाइक पर जा रही उसकी 5 साल की बच्ची की गर्दन मांझे की चपेट में आकर कट गई। उस मासूम बच्ची की जान बचाने के लिए उसकी गर्दन पर 36 टांके लगाने पड़े।

देश में मानसून के आने की साथ ही पतंग उड़ाने का चलन भी शुरू हो जाता है। जो मकर संक्रांति के दिन तक लगातार चलता रहता है। दिल दहला देने वाली बात यह है कि पतंग उड़ाने में इस्तेमाल किए जाने वाले चाइनीस मांझे से कई लोग घायल हो रहे हैं तो कई लोग मौत का शिकार हो रहा है। लेकिन बड़ा सवाल तो यह है कि अगर दिल्ली हाईकोर्ट ने इस चाइनीस मांझे पर पहले ही प्रतिबंध लगा दिया है तो फिर बाजार में इसकी धड़ाधड़ बिक्री कैसे हो रही है।

दरअसल पतंग में इस्तेमाल किए जाने वाले इस चाइनीस मांझे को बनाने में घातक रसायनों का प्रयोग किया जाता है, जो इंसानों के लिए तो खतरनाक है ही साथ ही आसमान में उड़ रहे मासूम पक्षियों की जान के लिए भी खतरनाक साबित होता है। इस चाइनीस मांझे को बनाने में डेगचुन के बुरादे की परत चढ़ाई जाती है, जो कि शरीर पर तुरंत घाव कर देती है। ज्यादातर इस मांझे से बाइक सवारों की गर्दन कटने का खतरा अधिक होता है। मांझे को बनाने में शीशे का भी प्रयोग किया जाता है, जिससे आसानी से कोई भी घायल हो सकता है।  

यह भी पढ़े-   हड़ताल पर बैठे ऊर्जा निगम के 3500 से ज्यादा कर्मचारी, देहरादून में बिजलीघरों पर लटके ताले पढ़िए पूरी खबर 

कई बार पतंग कटने के बाद मांझा पेड़ों पर रह जाता है जो कई बार पक्षी के लिए मौत का सबब बन जाता है। ऐसे ही कई बार मांझा बिजली के तारों में फस जाता है जिससे पतंग उड़ा रहे बच्चों को करंट लग सकता है। सवाल यह है कि यदि चाइनीज मांझो पर पहले ही प्रतिबंध लग चुका है तो इसकी बिक्री हो कैसी रही है? दरअसल बाजार में मिलने वाले सभी मांजे घातक है लेकिन चाइनीज मांझा इन सभी के मुकाबले ज्यादा खतरनाक है। पतंग कारोबारियों ने बताया कि देसी मांझो के मुकाबले चाइनीस मांझा सस्ता और मजबूत होता है। बता दे कि भारत में करीब 8-9 साल पहले यह मांझा आया था। इसे बेहद कम समय में ही लोग पसंद करने लगे। हालांकि चाइनीस मांजू पर प्रतिबंध है लेकिन कई लोग इसे चोरी छुपे भेजते हैं। सरकार को इस पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाना चाहिए।

फेसबुक पर हमसे जुड़ने के लिए  यहां क्लिक करें, साथ ही और भी Hindi News ( हिंदी समाचार ) के अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें. व्हाट्सएप ग्रुप को जॉइन करने के लिए  यहां क्लिक करें,

Share this story

Related posts

कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए मुक्केबाज विजेंदर सिंह , कांग्रेस के टिकट पर लड़े थे 2019 का चुनाव

doonprimenews

भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान को दिखाया आईना , कहा – तुरंत खाली करो POK

doonprimenews

HC में सांसदों और विधायकों पर दर्ज मुकदमों की जानकारी नहीं दे पाई सरकार, मांगा समय

doonprimenews

Leave a Comment