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‘भारत जोड़ो’ पद यात्रा में राहुल गांधी के साथ दिखी लाल साड़ी में एक महिला, जिसकी अब पूरे देश में हो रही है चर्चा, जाने क्या है पूरा मामला

राहुल गाँधी

इन दिनों कांग्रेस भारत जोड़ो यात्रा पर है। सांसद राहुल गांधी कन्याकुमारी से ‘भारत जोड़ो यात्रा ‘पर निकल चुके हैं। वह सड़क पर पैदल चलकर लोगों से मिल रहे हैं। 10 सितंबर को राहुल गांधी की एक महिला के साथ चलते हुए तस्वीर वायरल हो रही है। बता दें कि लाल साड़ी में महिला राहुल के बाई तरफ चल रही है।और यह महिला कोई साधारण महिला नहीं है इन्हें एशिया की पहली महिला बस ड्राइवर भी कहा जाता है। उनकी तस्वीर देख एक बार फिर उनकी कहानी चर्चा में आ गई है।

आपको बता दें कि इस महिला की जिंदगी में भी कई उतार-चढ़ाव आए 19 साल की उम्र में उनकी ऐसे शख्स से शादी करवा दी गई जिसकी पहले से 4 बेटियां थी। इनके दो बच्चे हुए तो घर चलाना और भी मुश्किल हो गया नौकरी मिल सके ऐसी कोई डिग्री उनके पास नहीं थी पति छोटा-मोटा काम करते थे लेकिन वह कम पड़ रहा था। जान पहचान के लोगों ने उन्हें बस ड्राइवर की नौकरी के लिए आवेदन करने की सलाह दी क्योंकि वहां महिलाओं के लिए आरक्षण था।

बता दे कि एक महिला होते हुए भी वसंतकुमारी ने भारी वाहनों को चलाने का प्रशिक्षण हासिल किया आखिरकार उन्हें लाइसेंस भी मिला। वे कई बार फेल भी हुई। 30 मार्च 1993 को तमिलनाडु स्टेट कॉरपोरेशन ने उन्हें नौकरी पर रख लिया। उन्हें देख कई महिलाओं ने भी डिपार्टमेंट में नौकरी की। रोड पर ट्रैफिक अधिक रहता था लेकिन वसंतकुमारी ने अपना कार्यकाल सफलतापूर्वक पूरा किया उन्होंने रात 10:00 बजे तक बस चलाई अप्रैल 2017 में वह रिटायर हो गई हैं और उन्हें वह मैन अचीवर अवार्ड भी मिल चुका रोड पर ट्रैफिक अधिक रहता था लेकिन वसंतकुमारी ने अपना कार्यकाल सफलतापूर्वक पूरा किया उन्होंने रात 10:00 बजे तक बस चलाई अप्रैल 2017 में वह रिटायर हो गई हैं और उन्हें वूमेन अचीवर अवार्ड भी मिल चुका है। कांग्रेस पार्टी ने राहुल गांधी समेत 119 नेताओं को भारत यात्री नाम दिया है जो कन्याकुमारी से पदयात्रा करते हुए कश्मीर तक जाएंगे।यह लोग कुल 3570 किलोमीटर की दूरी तय करेंगे।

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बता दें कि इस महिला का नाम एम.वसंतकुमारी (63)है। उनकी कहानी आज की पीढ़ी के लिए प्रेरणा है 14 साल की उम्र में वसंतकुमारी ने स्टेरिंग संभाला था। परिवार चलाने के लिए उन्होंने बस ड्राइविंग को अपना पेशा बना लिया। बता दें कि उनकी पारिवारिक स्थिति ने उन्हें हालात से लड़ने के लिए और मजबूत बनाया। बचपन में ही उनकी मां का निधन हो गया था और पिता ने दूसरी शादी कर ली वसंतकुमारी को उनकी मौसी ने पाला -पोशा था।

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