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उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले की केदारघाटी के कई गांवों में गैर-हिंदुओं के प्रवेश पर सख्त पाबंदी लगा दी गई है। गांवों में जगह-जगह लगाए गए साइन बोर्डों पर स्पष्ट चेतावनी दी गई है कि अगर कोई गैर-हिंदू इन गांवों में प्रवेश करता है, तो उसे 5000 रुपये का जुर्माना भरना होगा और कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। यह कदम हाल ही में केदारघाटी में गैर-हिंदुओं की बढ़ती उपस्थिति और इससे जुड़ी सामाजिक समस्याओं को देखते हुए उठाया गया है।

बढ़ती आबादी से सामाजिक चिंता

चमोली जिले के नन्दप्रयाग में एक विशेष समुदाय के व्यक्ति द्वारा हिंदू लड़की के साथ छेड़खानी के मामले के बाद इस इलाके में भारी आक्रोश फैल गया है। साथ ही, केदारघाटी में गैर-हिंदुओं की बढ़ती आबादी को लेकर हिंदू संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने गंभीर चिंता जताई है। यहां के कई गैर-हिंदू लोग भवन निर्माण, सैलून चलाने, सब्जी बेचने और यात्रा मार्ग पर मजदूरी जैसे कार्यों में लगे हुए हैं। इन गतिविधियों को लेकर स्थानीय लोग भी असंतोष प्रकट कर रहे हैं, जो उन्हें क्षेत्रीय पहचान और संस्कृति के लिए खतरा मानते हैं।

हिंदू संगठनों का समर्थन

केदारघाटी के विभिन्न सामाजिक और हिंदू संगठनों ने इस मुहिम को समर्थन दिया है और इसे आगे बढ़ाने का फैसला किया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि गैर-हिंदू समुदाय के लोग यहां के स्थानीय निवासियों को धोखा देकर अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। इस प्रकार, गैर-हिंदुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने के लिए गांवों में जगह-जगह सूचना बोर्ड लगाए जा रहे हैं, जिन पर साफ तौर पर चेतावनी लिखी है।इस कदम का उद्देश्य क्षेत्र की सांस्कृतिक पहचान और सामाजिक ढांचे को संरक्षित रखना है। स्थानीय समुदाय और हिंदू संगठन मिलकर इस प्रतिबंध को लागू करने के लिए सक्रिय हो गए हैं।

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