उत्तराखंड में उच्च शिक्षा क्षेत्र को सशक्त बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। राज्य के शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने देहरादून स्थित प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय में देश के पहले ‘विद्या समीक्षा केंद्र’ की आधारशिला रखी। इस केंद्र की स्थापना लगभग पाँच करोड़ रुपये की लागत से की जा रही है और इसे आगामी एक वर्ष के भीतर पूर्ण रूप से तैयार कर लिया जाएगा।
डॉ. रावत ने जानकारी दी कि यह केंद्र उच्च शिक्षा से जुड़ी गतिविधियों की निगरानी और विश्लेषण के लिए तकनीकी आधारित एक सशक्त प्लेटफॉर्म होगा। अब तक ‘विद्या समीक्षा केंद्र’ की अवधारणा केवल विद्यालयी शिक्षा तक सीमित थी, लेकिन उत्तराखंड पहला राज्य बनने जा रहा है जहां इसे उच्च शिक्षा में भी लागू किया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि जल्द ही इसका एक मोबाइल ऐप भी लॉन्च किया जाएगा, जिससे चरणबद्ध तरीके से सरकारी के साथ-साथ अनुदानित और निजी शिक्षण संस्थानों को भी जोड़ा जाएगा।
नीति निर्माण में करेगा अहम भूमिका निभाने वाला डाटाबेस
कार्यक्रम में उच्च शिक्षा सचिव रंजीत सिन्हा ने बताया कि यह केंद्र केवल छात्रों और शिक्षकों की उपस्थिति को ट्रैक करने तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसका डाटाबेस नीति निर्माण में भी उपयोगी सिद्ध होगा। डाटाबेस के माध्यम से गैप एनालिसिस की जाएगी, जिससे उच्च शिक्षा में मौजूद कमियों को पहचाना जा सकेगा और उसके अनुसार योजनाएं बनाई जाएंगी। यह एक समग्र और व्यावहारिक दृष्टिकोण के साथ कार्य करेगा।
शिलान्यास समारोह में कई गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया, जिनमें राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अंजू अग्रवाल, प्रो. एमएसएम रावत, प्रो. केडी पुरोहित, डॉ. एएस उनियाल, डॉ. ममता ड्यूडी नैथानी और प्रो. दीपक कुमार पाण्डेय प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
यह केंद्र न केवल शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने में सहायक होगा, बल्कि राज्य को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।