मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वक्फ संशोधन बिल को लेकर स्पष्ट किया कि यह कानून राज्य में पारदर्शिता, निष्पक्षता और सभी नागरिकों के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार न्यायिक सुधारों को मजबूती देने के लिए लगातार काम कर रही है।
हरिद्वार में शुक्रवार को मीडिया से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले जिन जमीनों पर भू-माफियाओं का कब्जा था, उन्हें वक्फ बोर्ड में शामिल कर लिया जाता था, चाहे वह पंचायत की भूमि हो या देवस्थानों की। अब यह सारी जमीनें बाहर आकर सरकार के नाम होंगी और इन्हें जनहित में उपयोग किया जाएगा, खासकर विकास कार्यों के लिए।
पुराने मामलों की होगी जांच
मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि उत्तराखंड बनने के बाद से अब तक जितने भी ऐसे विवादास्पद मामले सामने आए हैं, उनकी गहन जांच कराई जाएगी। सरकार का उद्देश्य साफ है—कानून के तहत सभी अवैध कब्जों और फर्जी दावों पर रोक लगाना।
विपक्ष पर साधा निशाना
विपक्ष के विरोध पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष हमेशा तुष्टिकरण की राजनीति करता आया है, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में ऐतिहासिक और जनहितकारी कार्य हो रहे हैं। वक्फ संशोधन बिल किसी एक समुदाय के खिलाफ नहीं, बल्कि सभी नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए है। इससे भूमि और संपत्ति से जुड़े झूठे व अवैध दावों पर रोक लगेगी और न्यायिक समाधान आसान होगा।
जनभावनाओं का सम्मान: स्थानों के नाम बदले
प्रदेश में कुछ स्थानों के नाम बदले जाने के सवाल पर मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि यह निर्णय पूरी तरह से जनभावनाओं का सम्मान करते हुए लिया गया है। जनता की मांग पर यह बदलाव किए गए हैं और भविष्य में भी जनहित के कार्यों को प्राथमिकता दी जाएगी।
पर्वतीय विकास रहेगा सर्वोच्च प्राथमिकता
मुख्यमंत्री ने चौखुटिया के चैत्राष्टमी मेले में भाग लेते हुए कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों के विकास में किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने कत्यूर राजाओं की राजधानी रहे रंगीली गेवाड़ क्षेत्र के ऐतिहासिक महत्व को रेखांकित किया। साथ ही बताया कि मां नैथना मंदिर और मासी भूमिया मंदिर को विकसित किया जा रहा है तथा दो अन्य मंदिरों का विकास भी शीघ्र शुरू किया जाएगा।