केदारनाथ यात्रा इस वर्ष 2 मई से शुरू होने जा रही है, और श्रद्धालुओं के लिए एक नई सुविधा तैयार कर दी गई है। अब बाबा केदारनाथ धाम तक पहुंचने के लिए मंदाकिनी और सरस्वती नदी के संगम पर निर्मित 54 मीटर लंबे नए स्थायी पुल का उपयोग किया जाएगा। इस पुल से गुजरते हुए यात्री मंदाकिनी नदी किनारे बने आस्था पथ से होकर सीधे मंदिर तक पहुंच सकेंगे।
ग्यारह वर्षों के बाद बना स्थायी पुल
2013 की विनाशकारी आपदा में संगम पर बना पुराना पुल बह गया था, जिसके बाद नौ वर्षों तक बैली ब्रिज के सहारे यात्रा संचालित की गई। पुनर्निर्माण कार्यों के तहत 2022 में स्थायी पुल के निर्माण की शुरुआत हुई थी, जिसे लोक निर्माण विभाग ने कठिन परिस्थितियों के बावजूद ढाई वर्षों में पूरा कर लिया है। अब इसी पुल के माध्यम से श्रद्धालु मंदिर तक पहुंचेंगे।
यात्रा मार्ग में आई बड़ी सुविधा
इस नए पुल के बनने से हेलिपैड से मंदिर तक की दूरी भी घट गई है। पहले यात्रियों को हेलिपैड से सरस्वती नदी किनारे बने आस्था पथ होते हुए भैरवनाथ पुल से गुजरकर मंदिर पहुंचना पड़ता था, जिससे उन्हें करीब 800 मीटर की दूरी तय करनी होती थी। अब संगम पर बने इस नए पुल के कारण यह दूरी केवल 450 मीटर रह गई है, जिससे यात्रा अधिक सुगम हो गई है।
श्रद्धालुओं के लिए बेहतर यात्रा अनुभव
इस वर्ष केदारनाथ धाम आने वाले श्रद्धालु इस पुल के माध्यम से मंदिर तक आसानी से पहुंच सकेंगे। दर्शन करने के बाद उन्हें मंदिर मार्ग से ही वापस भेजा जाएगा। इस नए पुल का निर्माण न केवल यात्रा को सुगम बनाएगा, बल्कि केदारनाथ पुनर्निर्माण परियोजना में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि भी साबित होगा।
अब बाबा केदारनाथ के भक्तों के लिए यात्रा और भी आसान हो गई है, जिससे वे बिना किसी अतिरिक्त परेशानी के अपनी धार्मिक यात्रा का आनंद ले सकेंगे।